भोपाल
भेल टाउनशिप की पिपलानी स्थित सारंगपाणी झील पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकती है। यही नहीं मप्र झील संरक्षण प्राधिकरण ने भी शहर की कई झीलों का कायाकल्प करने की योजना में सारंगपाणी झील को शामिल किया था। आज आलम यह है कि झील के किनारे गंदगी से पट गए हैं और इसमें सीवेज का पानी मिल रहा है।
जानकारी के मुताबिक इस झील को संवारने के लिए कई योजनाएं बनाई गई। इसमें यहां वोट क्लब, फूड जोन, बच्चों के लिए झूले, सैलानियों के बैठने के लिए कुर्सियां व सुंदर फूलदार पौधे लगाए जाने थे, जिस पर अमल नहीं हुआ। हालत यह है कि झील को गंदगी से बचाने के लिए चारों तरफ लगाई गईं जालियां भी जगह-जगह से टूट गई हैं। इसके किनारे पन्नियों और गंदगी की चपेट में हैं। यही नहीं नेहरू नगर झुग्गी बस्ती व कारखाने से निकलने वाला सीवेज का पानी भी इसमें मिल रहा है। इसके कारण झील न सिर्फ प्रदूषित हो रही है बल्कि इससे दुर्गंध आ रही है।
गौरतलब है कि इस झील का गहरीकरण करने के अलावा अन्य विकास कार्य भी शुरू किए गए थे, लेकिन यह कार्य भी मात्र औपचारिकता निभाने वाले रहे। आज इस झील में सिर्फ मछली पालन का ही काम हो रहा है। इधर भेल प्रवक्ता का कहना है कि झील को जल्द ही सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बनाया जाएगा। झील की सफाई भी समय-समय पर करवाई जाती है। सुरक्षा की दृष्टिï से यहां जालियां लगवाई गई हैं ताकि लोग इसमें कचरा नहीं फेंक सकें।