इंदौर
शहर के खंडवा रोड पर 14 महीने में 20 करोड की लागत से स्वामी नारायण मंदिर बनाया गया है। एक एकड भूमि में से मंदिर का निर्माण 110 बाय 75 वर्गफीट में हुआ है जबकि जमीन से कलश की उंचाई 91 फीट है। मंदिर में पांच शिखर और 4 गुंबद के साथ कुल 238 स्तंभ हैं। इन पर संत-गंधर्वों की 90 मूर्तियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही फूल, मोर और बेलबूटे की बारीक नक्काशी हुई है।
उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और प्रदेश के 100 कारीगरों ने प्रतिदिन दिन-रात काम कर इस 14 महीने में तैयार किया है। मंदिर के शिखर पर पदमशिला पर की गई नक्काशी देखते ही बनती है। राजस्थानी और दक्षिणभारतीय शैली में बने मंदिर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में है, जिससे मेनरोड से ही मूर्तियों के दर्शन हो सकते हैं।
संचालक मंडल के सदस्य कांतिभाई बटेल ने बताया कि द्वार पर दो बड़े हाथी और गाय के साथ मुरली बजाते कृष्ण है तो उत्तर और दक्षिण द्वार पर सिंह की चार मूर्तियां है। प्रचार-प्रसार प्रमुख पंकज शाह ने बताया कि छत की नक्काशी और संगमरमर के फर्श की खबूसरती देखती ही बनती है। मुख्य सिंहासन और सारे कलश पर स्वर्ण की कारीगरी सूरत के कारीगरों ने की है। मंदिर में संत निवास और भक्त निवास भी बनाया गया हैं।
घनश्याम के स्वरूप में होंगे स्वामी नारायण भगवान
प्रभारी स्वामीनारायण मंदिर इंदौर के स्वामी स्नेहसागरदास जी ने कहा कि मुख्य शिखर के नीचे भगवान स्वामीनारायण भगवान के घनश्याम स्वरूप की 5 फीट की मूर्ति स्वर्ण सिहासन पर विराजित की जाएगी। इसके बाद उत्तर और दक्षिण के शिखर के नीचे जयपुर से आई राधाकृष्ण और लक्षमीनारायण की मूर्ति को प्रतिष्ठित किया जाएगा। इसके अलावा मंदिर के द्वार पर दोनों शिखर के नीचे हनुमानजी और गणपति की सुंदर मूर्तियों और शिवलिंग स्थापित होगा।
पोथी यात्रा के साथ शुरू होगी महोत्सव की शुरुआत
- – 19 नवंबर को दोपहर 2 बजे पौथी यात्रा दोपहर 2 बजे अहिल्या माता कॉलोनी से निकाली जाएगी और शाम 4 बजे दीप प्रागटय और मंगल प्रवचन होंगे।
- -21 नवंबर को दोपहर 2 बजे रंगारंग नाटय की प्रस्तुति और रात 9 बजे दरबार का आयोजन होगा।
- – 22 नवंबर को शाम 5 बजे पटेल नगर से नगर यात्रा और रात 9 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
- – 23 नवंबर को प्रतिष्ठा सुबह 11 बजे, यज्ञ की पूर्णाहुति दोपहर 12 बजे और अन्नाकूट दोपहर 12 बजे होगा।