ग्वालियर
जिला प्रशासन ने आखिर नाथूराम गोडसे की मूर्ति हटा दी है। इससे पहले गोडसे की मूर्ति न हटाने पर बवाल के हालात बन गए थे। प्रशासन ने मूर्ति हटाने के आदेश टीआई कोतवाली को दिए थे।इससे पहले कल अखिल भारत हिन्दू महासभा ने जिला प्रशासन के नोटिस का अभिभाषक के माध्यम से जवाब दे दिया था। इसमें नोटिस को अवैधानिक बताते हुए, एसपी-टीआई के प्रतिवेदन एवं पत्रों सहित फिर नोटिस भेजकर जवाब मांगने की बात कही गई थी। साथ ही एडीएम को सौंपे पत्र में कांग्रेस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इसमें चेतावनी दी गई है कि यदि हिन्दू महासभा भवन पर कोई हमला करेगा तो उसे उसी प्रकार से जवाब भी दे सकते हैं।
एडीएम शिवराज वर्मा ने 16 नवंबर को अखिल भारत हिन्दू महासभा को नाथूराम गोडसे का मंदिर स्थापित करने पर नोटिस जारी कर 5 दिन में स्पष्टीकरण मांगा था। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने अभिभाषक के माध्यम से सोमवार को एडीएम के समक्ष जवाब पेश किया था। इसमें कहा गया है कि जिला प्रशासन ने नोटिस में बताया है कि पुलिस अधीक्षक एवं कोतवाली थाना प्रभारी के प्रतिवेदन के आधार पर नोटिस जारी किया गया है।
ऐसे में प्रशासन को नोटिस के साथ एसपी एवं थाना प्रभारी के पत्रों एवं प्रतिवेदन को संलग्न करके नोटिस भेजना चाहिए था, जिससे प्रार्थी द्वारा विधिवत नोटिस का जवाब दिया जा सके। बिना किसी पत्र एवं प्रतिवेदन के नोटिस भेजना अवैधानिक प्रक्रिया है। हिमस ने एसपी एवं थाना प्रभारी के प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराने एवं दिए गए नोटिस को निरस्त कर दस्तावेजों के साथ दोबारा वैध प्रक्रिया के तहत जारी करने की बात कही है।
क्या है मामला
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने दौलतगंज स्थित कार्यालय में 15 नवंबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की मूर्ति स्थापित कर इसे मंदिर का नाम दिया था। कांग्रेस ने इसके खिलाफ मूर्ति हटाए जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा था।इसके बाद एडीएम शिवराज वर्मा ने 16 नवंबर को हिमस को नोटिस जारी किया था। जिसमें मंदिर निर्माण बिना किसी सक्षम अनुमति के अवैध रूप से करना बताते हुए इसे मप्र सार्वजनिक स्थान(धार्मिक भवन एवं गतिविधियों का विनियमन)अधिनियम 2001 के तहत अवैधानिक होकर दंडनीय बताते हुए नोटिस जारी कर 5 दिन में लिखित स्पष्टीकरण मांगा था।