पुलिस मुख्यालय में यौन शौषण के मामलों में पुलिस अधिकारियों के नाम लगातार उजागर हो रहे हैं। जबकि महिला अपराधों की घटनाओं ने सीएम चौहान की चिंता पहले से बढ़ा रखी हैं। ऐसे में महिला सिपाही ही जब पुलिस अफसरों से सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर ये कहना गलत नहीं होगा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे है।
दरअसल, शिष्टाचार के नाम पर महिला सिपाही से यौन उत्पीड़न के मामले में पीएचक्यू में पदस्थ एएसपी राजेंद्र वर्मा के खिलाफ कार्यस्थल प्रताड़ना का केस दर्ज कर लिया गया है। महिला सिपाही का आरोप हा कि एएसपी वर्मा उसको फोन कर अश्लील बातचीत करते थे। बातचीत का एक ऑडियो भी सामने आया है, महिला सिपाही का दावा है कि ये ऑडियो एएसपी का है। इसमें एएसपी कह रहे हैं कि एक बार आते समय और एक बार जाते समय गले लगा लिया करो, ये तो शिष्टाचार है।
पीड़िता का आरोप है कि एएसपी उसे अपने कैबिन में बुलाकर उसके काथ अश्लील हरकतें करते थे। एएसपी की इन हरकतों से परेशान महिला सिपाही पुलिस मुख्यालय के चक्कर लगा रही थी। मामला दफ्तर में प्रताड़ना का था, इसलिए उसकी शिकायत पर एडीजी ने जांच शुरू की थी। एडीजी महिला सेल अरुणा मोहन राव की जांच रिपोर्ट के बाद जहांगीराबाद पुलिस ने ये कार्रवाई की है।
मंगलवार को सिपाही पुलिस मुख्यालय पहुंच गई। वह मुख्यमंत्री से मिलना चाहती थी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने ऐसा नहीं होने दिया। मामला मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की जानकारी में आया तो बुधवार को जांच रिपोर्ट जहांगीराबाद पुलिस को दे दी गई। एएसपी धर्मवीर सिंह यादव के मुताबिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एएसपी राजेंद्र वर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 यानी कार्यस्थल प्रताड़ना का केस दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस धारा के तहत एक साल की सजा का प्रावधान है।