एक 4 साल के बच्चे द्वारा 4 साल की ही बच्ची के यौन शोषण के मामले में नया मोड़ आ गया है। द्वारका के जिस स्कूल में यह कथित वारदात हुई वहां के अधिकारियों ने गुरुवार रात बयान दिया जिसमें कहा गया है कि उन्हें अभी तक यह यकीन नहीं हो सका है कि क्या वाकई यह वारदात हुई है। पुलिस से लेकर स्कूल प्रशासन तक सबके मन में एक ही सवाल है कि क्या एक 4 साल का बच्चा भी यौन शोषण कर सकता है और अगर उसने ऐसा किया है तो आगे क्या किया जा सकता है क्योंकि इतने छोटे बच्चे के लिए IPC में कोई प्रावधान तक नहीं है।
स्कूल के वकील एनबी जोशी ने कहा, ‘हमें लगता है कि ऐसी वारदात असंभव है। लड़कों का वॉशरूम लड़कियों के वॉशरूम से काफी दूर है और एक लड़के के किसी और वॉशरूम में घुस जाने का सवाल ही नहीं उठता। सीसीटीवी फुटेज में यह नहीं दिखा कि लड़का लड़की के वॉशरूम में घुसा है।’
जोशी ने आगे कहा, ‘क्लास के अंदर या बाहर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है। स्कूल में काम करने वाली एक महिला 2 मिनट पहले ही वहां से गई थी और कॉरिडोर के आसपास ही थी।’ वकील ने अपने बयान में कहा कि पीड़ित बच्ची फुटेज में खुश नजर आ रही है जैसे शुक्रवार को उसके साथ कुछ गलत न हुआ हो।
स्कूल के कानूनी सलाहकार राजप्पा श्रीनिवासन ने भी वकील के बयान पर सहमति जताई और हमारे सहयोगी ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ से कहा कि पहली नजर में तो ऐसा लगता है जैसे यह वारदात हुई ही नहीं है। हालांकि, स्कूल के अधिकारियों का यह बयान बच्ची की मां के आरोपों से एकदम उलट है। स्कूल ने सभी आरोपों का खंडन किया है।
पुलिस भी संकट में
दूसरी तरफ इस पूरे मामले में पुलिस भी अजीब से संकट से जूझ रही है। आरोपी बच्चा सिर्फ 4 साल का है और उसे वह किसी भी कानून के तहत नहीं आता। IPC के सेक्शन 82 के मुताबिक, ‘7 साल से कम उम्र के बच्चे द्वारा किया गया कोई भी काम अपराध नहीं माना जाएगा।’ इस प्रावधान के तहत तो आरोपी बच्चे को बाल सुधार गृह तक भी नहीं भेजा जा सकता है। स्कूल के खिलाफ भी तभी कोई ऐक्शन लिया जा सकता है जब यौन शोषण साबित हो जाए।
पुलिस ने स्कूल प्रिंसिपल और कोऑर्डिनेटर से जांच में सहयोग की मांग की है। एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक, ‘स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षक और स्कूल में काम करने वाले अन्य लोगों से पूछताछ की जाएगी।’ स्कूल ने बताया कि आरोपी बच्चा स्कूल आ रहा है लेकिन पीड़ित बच्ची छुट्टी पर है। डीसीपी (साउथवेस्ट) शिबेश सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई है।
DCPCR ने स्कूल प्रबंधन को लिखी चिट्ठी
दिल्ली कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने गुरुवार को स्कूल प्रबंधन को चिट्ठी लिखी है और प्रिंसिपल के साथ 3 अन्य स्टाफ को सोमवार पेश होने के लिए कहा है। लड़की की मां ने बताया कि उन्हें बच्ची के यौन शोषण का तब पता लगा जब उसने प्राइवेट पार्ट्स में तेज दर्द की शिकायत की। लड़की की मां का आरोप है कि इस मामले में स्कूल ने कोई ऐक्शन नहीं लिया। हालांकि, स्कूल का कहना है कि उन्हें कार्रवाई में इसलिए समय लगा क्योंकि शिकायत रविवार सुबह की गई है। अपने नोटिस में DCPCR ने इस वारदात को टीचर्स और स्कूल प्रशासन की लापरवाही का नतीजा बताया है।