भोपाल
अरेरा कॉलोनी ई-7 अशोका सोसायटी की राधा अपार्टमेंट में प्रोफेसर के फ्लैट में जॉब वेबसाइट्स से लड़कियों की जानकारी चुराकर उन्हें नौकरी का झांसा देकर बुलवाया जा रहा था। उनसे कहा जाता था कि मैनेजर को खुश कर दो, अच्छी सैलरी पर नौकरी मिल जाएगी। गिरोह का फरार आरोपी सुभाष द्विवेदी ही एचआर मैनेजर बनता था। जाल में फंसने वाली लड़कियां ऑनलाइन सेक्स रैकेट का हिस्सा बन जाती थीं।
सायबर सेल पुलिस के अनुसार महाराष्ट्र की दो, मेघालय की एक और पन्ना की एक लड़की की मोबाइल नंबर से लेकर उनकी पारिवारिक स्थिति की जानकारी ऑनलाइन बेवसाइड से चुराई गई थी। इनमें शामिल एक ने बताया कि आरोपी रवि प्रजापति उसे 35 हजार रुपए महीने के वेतन पर नौकरी दिलाने के बहाने से लाया था। उसे सुभाष से मिलवाया और बोला कि यह होटल में मैनेजर रह चुके हैं। इनको खुश कर रखो। तुम्हारी अच्छी नौकरी लग जाएगी। उसके बाद से नौकरी तो लगी नहीं, उल्टा होटलों में लेकर जाने लगा था। मेरे साथ तीन लड़कियां ऐसे ही इस गिरोह के चंगुल में फंस गई।
मोबाइल नंबर ने गिरोह तक पहुंची पुलिस
सायबर सेल के एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि भोपाल कॉल गर्ल नाम की एक वेबसाइट को लगातार हिट किया जा रहा था। हम लोगों ने जब उस पर नजर रखना शुरू की , तो दिल्ली में रजिस्टर्ड इस साइट पर भोपाल का एक नंबर लगातार डिस्प्ले हो रहा था। उसे सर्च किया गया तो पता चला कि इस नंबर पर लगातार अश्लील बातचीत कर लड़कियों की डिमांड की जा रही थी। इसे इस गिरोह का सरगना दिनेश उर्फ डेविड उर्फ देवेंद्र सिंह मेवाड़ा ऑपरेट कर रहा था। पुलिस इसके संपर्क में आने के बाद इस गिरोह तक पहुंच सकी
30 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन पर थी लड़कियां
देह व्यापार में फंसने के बाद लड़कियों को भोपाल के आसपास भी भेज दिया जाता था, लेकिन उन लोगों के साथ ही जो पूर्व से परिचित थे। ग्राहकों से 15 सौ से लेकर 5 हजार तक के रुपए वसूले जाते थे। इसका दस फीसदी कमीशन भी युवतियों को दिया जाता था। लड़कियों को हर माह 25 से 30 हजार वेतन देने की बात भी सामने आई है।
भाजपा नेता को छुड़ाने आए रसूखदारों के फोन
भाजपा नेता के सेक्स रैकेट में गिरफ्तारी के बाद उसे छुडाने के लिए कई रसूखदारों के फोन सायबर सेल पुलिस के पास पहुंचे। जांच में सामने आया है कि यह भाजपा नेता गिरोह के सदस्यों से लगातार संपर्क में था। वह आरोपियों को गाड़ियां भी उपलब्ध करवाता था। लड़कियों की खरीद फरोख्त में माहिर रवि प्रजापति से इसकी गहरी दोस्ती है।
किस आरोपी की क्या भूमिका
दिनेश मेवाड़ा : वेबसाइट पर दिए भोपाल के नंबर को अटैंड करता था। महाराष्ट्र की लड़की को इसी ने फंसाया था। स्नातक की पढाई इसने सत्यसांई कॉलेज से की है।
सुरेश गेहलोत : सीहोर नसरूल्लागंज का रहने वाला है। खेती किसानी करता है। यह लड़कियों को बाइक से सुभाष उर्फ वीर के बताए स्थान पर ग्राहक के पास छोड़कर और फिर लाने का काम करता है।
रवि प्रजापति : सेमराकलां में रहता है। हमीदिया कॉलेज से बीकॉम की पढाई की है। लड़कियों की खरीद फरोख्त में काफी सावधानी बरतता है। यह भी सुभाष उर्फ वीर के कहने पर लड़कियों को ग्राहकों तक पहुंचता था।
मनोज गुप्ता : कई होटलों में मैनेजर रह चुका है। पन्ना का रहने वाला है। लड़कियों को नौकरी के फंसते समय इसको साथ रखते थे। जिन लड़कियों को होटल में नौकरी करनी होती थी। उनके साथ बातचीत मनोज ज्यादा करता था।
कृष्ण कुमार जायसवाल : सुभाष द्विवेदी के लिए काम करता हैं। उसके कहने पर ही लड़कियों को इधर , उधर पहुंचता है।
तीन ग्राहक : पुलिस ने लड़कियों से सौदेबाजी करने आए ग्राहक रेत कारोबारी हरजीत धनवानी को भी गिरफ्तार किया है। उसके साथ बैरागढ़ निवासी कपड़ा कारोबारी सुरेश बेलानी और मिसवा उद्दीन को ग्राहक मानकर गिरफ्तार किया है। सुरेश बेलानी इस गिरोह के फरार आरोपी सुभाष को मामा कहता है।
इन सवालों के जबाव तलाश रही सायबर सेल पुलिस
– गिरोह ने कितनी लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर देह व्यापार में धकेला।
– भोपाल के किन मसाज और ब्यूटी पार्लर में लड़कियों की सप्लाई की जाती थी
– देश के किन-किन राज्यों से लड़कियों को नौकरी के नाम फंसाया।
– किस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं।
– लड़कियों को शहर के किस – किस होटल में भेजा करते थे।
– कितने समय से चल रहा था यह गोरखधंधा।