नई दिल्ली
aदेश भर से करीब 100 युवक अब तक खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल हुए हैं। ये लोग इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के बाद दहशतगर्दी का हिस्सा बनने के लिए अफगानिस्तान, सीरिया और इराक तक चले गए। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का कहना है देश की बड़ी आबादी और मुस्लिमों की अच्छी-खासी हिस्सेदारी को देखते हुए यह आंकड़ा बड़ी चिंता का विषय नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस्लामिक स्टेट का हिस्सा बनने के लिए 50 भारतीय देश छोड़कर आईएस के कब्जे वाले इलाके में चले गए।
इसके अलावा इतने ही भारतीय ऐसे हैं, जो दूसरे देशों से इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले इलाके में चले गए और उसके आतंकी मंसूबों का हिस्सा बन गए। इनमें से ज्यादातर लोग खाड़ी देशों में रहते थे। एक खुफिया अधिकारी के मुताबिक इस्लामिक स्टेट की ओर स भारत और पश्चिम देशों से सीमित संख्या में ही लोगों को भर्ती कर पाने से पता चलता है कि उसका प्रॉपेगेंडा फेल हो रहा है। इससे पता चलता है कि ज्यादातर युवा ग्लोबल ग्लोबल जिहाद के लिए अपने परिवार को नहीं छोड़ना चाहते।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस्लामिक स्टेट में 100 भारतीयों का ही शामिल होना भारत की बड़ी आबादी के लिहाज से ही नहीं बल्कि देश में मुस्लिमों की आबादी के हिसाब से भी कम है। हालांकि एजेंसियों ने यह बात जरूर स्वीकार की कि भले ही इस्लामिक स्टेट में शामिल होने वाले भारतीयों की संख्या कम है, लेकिन आईएस के ऑनलाइन प्रॉपेगेंडा और संसाधनों में लोगों की खासी रुचि देखने को मिल रही है।
केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों की ओर से इंटरनेट पर इस्लामिक स्टेट से जुड़ी सामग्री सर्च करने के आंकड़ों के आधार पर यह बात कही जा रही है। एजेंसियों के अनुसार इस्लामिक स्टेट से जुड़ी सामग्री इंटरनेट पर तलाशे जाने के मामले में केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्य सबसे आगे है। इसके अलावा महाराष्ट्र मे भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो इस्लामिक स्टेट से जुड़ी जानकारियां अकसर गूगल पर सर्च करते रहते हैं।
जम्मू-कश्मीर के युवाओं में भी इस्लामिक स्टेट से जुड़ी जानकारियों को खंगालने की उत्सुकता दिखती है। एक खुफिया अधिकारी ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के युवा जो इस्लामिक स्टेट की ओर आकर्षित हो रहे हैं, उन्हें भी कट्टरता के कई स्तरों में विभाजित किया जा सकता है।’ गौरतलब है कि इस्लामिक स्टेट में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा केरल से रही है।