सोल
नॉर्थ कोरिया ने हाल ही में एक अंतर-महाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण कर दुनियाभर में खलबली मचा दी है। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने दावा किया है कि नॉर्थ कोरिया का यह मिसाइल पहले किए गए उसके सभी मिसाइल परीक्षणों से ज्यादा शक्तिशाली और बड़ा है।नॉर्थ कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA द्वारा जारी की गई तस्वीरों से भी मिसाइल के बारे में कई महत्वपूर्ण संकेत मिलते हैं। इस मिसाइल का नाम ह्वासोंग-15 है। नॉर्थ कोरिया का दावा है कि यह मिसाइल बड़ी मात्रा में हथियार ले जा सकता है और यह अमेरिका के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकता है।
वैसे, ह्वासांग सीरीज के मिसाइल का टेस्ट नॉर्थ कोरिया पहले भी कर चुका है लेकिन इस बार टेस्ट की जारी की गई तस्वीरों से साफ है कि ह्वासोंग-14 के बाद इस मिसाइल में काफी सुधार किया गया है। पिछले टेस्ट में नॉर्थ कोरिया ने कहा कि उसने अमेरिका तक मार करने वाला मिसाइल बना लिया है।
दक्षिण कोरियाई सेना के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता रो जे-चयॉन ने कहा, ‘हमारा मानना है कि यह एक नए प्रकार का मिसाइल है। यह ह्वासोंग-14 से बिल्कुल अलग दिखता है। इसका आगे का हिस्सा, पहले और दूसरे स्टेज का लिंक और पूरा आकार काफी बड़ा है।’ दक्षिण कोरिया ने कहा है कि इस लॉन्च से साबित हो गया है कि नॉर्थ कोरिया का मिसाइल कार्यक्रम काफी आधुनिक हो गया है। निजी विश्लेषकों का कहना है कि ह्वासोंग-15 काफी बड़ा और ह्वासोंग-14 से अडवांस दिखता है। सोल स्थित एक संस्थान के रक्षा मामलों के विश्लेषक किम डांग-यूब ने कहा कि ऐसा लगता है कि नॉर्थ कोरिया ने ह्वासोंग-14 का अडवांस वर्जन बना लिया है, जो पहले स्टेज के अलग होने के बाद मिसाइल को स्पेस में ले जा सकता है।
किम ने एक और महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि ह्वासोंग-15 में दो इंजन हो सकता है, जिस वजह से यह पहले के मिसाइल से अलग ज्यादा दूर तक वार करने में सक्षम हो गया है। इजरायल के फिशर इंस्टिट्यूट फॉर एयर ऐंड स्पेस स्ट्रैटिजिक स्टडीज में स्पेस रिसर्च के प्रमुख ताल इनबार ने ट्विटर पर एक संदेश में इस पर सहमति जताई। किम ने कहा, ‘सचमुच में यह नए प्रकार का मिसाइल है।’ उन्होंने कहा कि अगर मिसाइल के पहले स्टेज में सचमुच में दो इंजन लगे हैं तो पहले की सभी अटकलें दूर हो जाएंगी। दरअसल, कुछ विश्लेषकों ने कहा था कि कम विस्फोटक होने के कारण इस बार नॉर्थ कोरिया का ह्वासोंग-15 ज्यादा दूर तक गया। सोल के पास कोरिया ऐयरोस्पेस यूनिवर्सिटी के मिसाइल विशेषज्ञ चांग यंग-कुन ने भी कहा कि ह्वासोंग-14 के दो बूस्टर इंजन की मदद से ह्वासोंग-15 तैयार किया गया। इसी कारण यह सच मायने में एक ICBM बन सका।
दक्षिण कोरिया के रक्षा अधिकारियों का कहना है कि नॉर्थ कोरिया के पास 160 से ज्यादा मोबाइल मिसाइल लॉन्च वीइकल हैं और वह इसे बढ़ा भी रहा है। इन वीइकल की मदद से नॉर्थ कोरिया अपने इन हथियारों को अमेरिका के मिसाइल हमले से छिपा सकता है। वह इसकी लोकेशन बदलते रह सकता है, जिससे अमेरिका या उसके सहयोगी देश इस तक न पहुंच सकें।
वॉशिंगटन में इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटिजिक स्टडीज के मिसाइल विशेषज्ञ माइकल एलमैन ने इस मिसाइल टेस्ट की तस्वीरों और विडियो का विश्लेषण किया है। गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि उनका विश्लेषण कहता है कि नॉर्थ कोरिया का यह मिसाइल अच्छी खासी मात्रा में परमाणु हथियार ले जा सकता है और अमेरिका के किसी भी शहर में तबाही ला सकता है। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि ह्वासोंग-15 की विश्वसनीयता को परखने के लिए नॉर्थ कोरिया को अभी कई और टेस्ट करने होंगे।
दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति के कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को फोन पर हुई बातचीत में राष्ट्रपति मून ने बताया है कि ह्वासोंग-15 हर तरह से नॉर्थ कोरिया का सबसे अडवांस मिसाइल है। हालांकि अभी इसमें कुछ तकनीक का परीक्षण होना अभी बाकी है।