टोक्यो। जापान के सम्राट अकिहितो लगभग 30 वर्षों के शासनकाल के बाद 30 अप्रैल 2019 को सम्राट के रूप में पद छोडेंगे। सरकार और इंपीरियल हाउस एजेंसी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री शिंजो आबे और शाही परिवार के सदस्यों समेत 10 सदस्यीय समिति ने बंद कमरे में की गई बैठक के बाद यह घोषणा की। अकिहितो के उत्तराधिकारी उनके बड़े बेटे क्राउन प्रिंस नारुहितो 1 मई, 2019 को पदभार ग्रहण करेंगे।
इससे पहले सम्राट कोकाकू ने 1817 में सिंहासन छोडा था। सामान्यता जापान के सम्राट को देश के कानूनी ढांचे के तहत पद छोडऩे की अनुमति नहीं है। सम्राट द्वारा अपना पद छोडऩे की इच्छा व्यक्त करने के बाद सरकार के प्रतिनिधियों, इंपीरियल हाउस और जापान के कानूनी विशेषज्ञों ने उनके सिंहासन छोडऩे की तिथि पर निर्णय लिया।
अगस्त 2016 में प्रसारित सम्राट के दुर्लभ वीडियो संदेश के बाद जापान की संसद ने जून में एक कानून पारित किया ताकि अकिहितो अपने 57 वर्षीय बेटे को क्रिसेंथेमम (जापानी सम्राट का सिंहासन) सिंहासन सौंप सकें। वीडियो में उन्होंने अपने सेवानिवृत्त होने की इच्छा का संकेत दिया था। जापानी संविधान में सम्राट को राज्य के प्रतीक के रूप में परिभाषित किया गया है जिसके पास कोई राजनीतिक शक्ति नहीं होती। अकिहितो की विदाई के साथ हाइसी युग का अंत हो जाएगा।