गुवाहाटी
भारत के अभिन्न राज्य अरुणाचल प्रदेश पर चीन ने एक बार फिर अपना दावा किया है। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश की सियांग (ब्रह्मपुत्र) नदी का पानी अचानक काला पड़ने लगा है। चीन से बहकर भारत आने वाली इस नदी को प्रदूषित करने के पीछे पेइचिंग का ही हाथ माना जा रहा था। अब चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपी एक खबर में चीन ने नदी को प्रदूषित करने के आरोपों को खारिज करते हुए अरुणाचल प्रदेश को अपना बताया है।
लेख के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है और इसलिए उसे प्रदूषित करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। स्थानीय प्रशासन की माने तो चीन से बहकर आने वाली कीचड़ की वजह से यह नदी काली पड़ गई है। सियांग नदी दक्षिणी तिब्बत में यारलुंग सांगपो नाम से बहती है और असम में ब्रह्मपुत्र बन जाती है। इसे अरुणाचल प्रदेश में सियांग कहा जाता है।
लेख में कहा गया है, ‘भारतीय मीडिया में हाल ही में यह खबर आई कि अरुणाचल प्रदेश (जिसे चीन में दक्षिणी तिब्बत कहा जाता है) की सियांग नदी प्रदूषित हो गई है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने गुरुवार को खबर प्रकाशित की थी कि इसका रंग कीचड़ की वजह से काला पड़ गया है।’ ग्लोबल टाइम्स के लेख में आगे लिखा है, ‘दक्षिणी तिब्बत चीन का इलाका है। स्थानीय पर्यावरण की रक्षा करना चीन का कर्तव्य है।’ यह लेख इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल रिलेशंस के शंघाई अकैडमी ऑफ सोशल साइंसेज में रिसर्च फेलो हु जियोंग ने लिखा है।
लेख में कहा गया है,’चीन विरोधी भावनाएं उकसाने के लिए भारत को जल विज्ञान संबंधी मुद्दों को लेकर चीन पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। इससे दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने में मदद नहीं मिलेगी।’ बता दें कि सियांग नदी को अरुणाचल प्रदेश की लाइफलाइ माना जाता है। पिछले दो महीनों से इस नदी के पानी में मिट्टी, रेत और सीमेंट भी देखने को मिल रही है, जिसने समूचे पूर्वोत्तर में चिंता बढ़ा दी है।