नीमच
मध्य प्रदेश के नीमच में एक बेशकीमती सरकारी ज़मीन को कागजों में हेराफेरी कर उसे उद्योगपति के नाम अवैध रूप से किये जाने का मामला आया है.मामले को ईटीवी द्वारा उजागर किये जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और जाँच में खबर पर मोहर लगते हुए ये सामने आया कि तत्कालीन तहसीलदार और पटवारी ने जमीन की हेराफेरी की थी, जिसे लेकर अब दोनों के खिलाफ कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने नोटिस जारी कर जवाब माँगा है. यही नहीं क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह परिहार ने ये मामला विधान सभा में उठाया और पूरे मामले की जाँच की मांग कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाही की मांग की है.
गौरतलब है कि नीमच से राजस्थान को जोड़ने वाली सड़क पर बघाना उपनगर से लगी बेशकीमती अर्नियाकुमार की सर्वे नंबर २०७ सरकारी जमीन स्थित वो जमीन है, जिसकी हेराफेरी की गई थी इस जमीन को तत्कालीन पटवारी सुनील अग्रवाल जोकि वर्तमान में नायब तहसीलदार के पद पर जिले में ही पदस्थ हैं, उसने अधिकारियो और धनिया प्लांट के उद्योगपति के साथ सांठगांठ कर इस जमीन का सड़क से लगा एक हिस्सा कागजो में हेराफेरी कर धनिया प्लांट के मालिक के नाम चढ़ा दिया.
इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि ये सरकारी जमीन स्थानीय किसान के खाते में गलती से चढ़ गई थी जिसे उसने सरकार को सरेंडर करदिया और इसी बात का फायदा उठाते हुए पटवारी ने दस्तावेजों में उस किसान का नाम काट कर उसी तारीख में धनिया प्लांट के मालिक के नाम चढ़ा दी.