तनाव और गलत आदतों के कारण महिलाओं में PCOS यानि पोली सिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम की समस्या बढ़ती जा रही हैं। इसके अलावा महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलित होने के कारण भी उन्हें यह समस्या हो सकती है। इसके कारण मासिक धर्म अनियमित होने के साथ-साथ प्रैग्नेंसी में भी मुश्किल आती है। इस बीमारी के कारण महिलाओं में कैंसर, डायबिटीज और ओवरी में अल्सर बनने का खतरा भी बढ़ जाता है। आज हम आपको इस बीमारी के कुछ लक्षण बताएंगे जिससे आप इस बीमारी को पहचान कर सुरक्षित रह सकती है।
इस बीमारी के कारण
महिलाओं में यह समस्या हार्मोन असंतुलित के अलावा तनाव, समय पर न खाना, रात को देर से सोना, अधिक व्यायाम और संबंध बनाते सावधानी न इस्तेमाल करने के कारण होती है। इसके अलावा यह समस्या प्रदूषित हवा और नशा करने के कारण होती है।
इस बीमारी के लक्षण
1. पीसीओ के कारण महिलाओं को अनियमित माहवारी या माहवारी न होने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
2. इस बीमारी के कारण शरीर में हार्मोन्स असंतुलित हो जाते है, जिससे महिलाएं गर्भवती नहीं कर पाती या उन्हें बार-बार गर्भपात का सामना करना पड़ता है।
3. इसके कारण शरीर और चेहरे पर बहुत ज्यादा बाल आने लगते है। इसके अलावा महिलाओं को चेहरे पर बार-बार पिंपल्स और एक्ने की समस्या भी देखने को मिलती है।
4. इस बीमारी में महिलाओं के शरीर में कुछ रायसिनिक परिवर्तन होते है, जिससे महिलाओं में तनाव, डिप्रैशन और चिड़चिड़ापन आ जाता है।
5. वजन कम होना या अचानक बढ़ना भी पीसीओ सिंड्रोम का लक्षण हो होता है।
इससे बचाव के उपाय
1. रूटिन डाइट
हार्मोनल को संतुलन रखने और पीसीओ के खतरे से बचने के लिए रोजाना डाइट में हरी सब्जियां, फल, अनाज और डेयरी उत्पादों को शामिल करें। इसके अलावा इस बीमारी से बचने के लिए रोजाना आंवला, तुलसी और करेला या लोकी के जूस का सेवन करें।
2. व्यायाम
रोजाना व्यायाम, हल्की एक्सरसाइज और सैर से आप इस बीमारी के खतरे को कम कर सकते है। इसके अलावा भोजन के बाद 5-6 मिनट टहलने से शरीर में ग्लूकोस की मात्रा बनी रहती है, जो आपको इस बीमारी से दूर रखती है।
3. मैग्नीशियम
मैग्नीशियम हड्डियों, मांसपेशियों और दिमाग को मजबूत बनाकर पीसीओ के खतरे को कम करता है। इसलिए अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा मैग्नीशियम युक्त चीजें जैसे नट्स, सोयाबीन, मछली, अलसी के बीच, कद्दू के बीच, डार्क चॉकलेट, केले और खजूर को शामिल करें।