इस्लामाबाद
पाकिस्तान ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह साफ कर दिया है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को तब तक फांसी नहीं दी जाएगी जब तक कि वह अपनी सभी क्षमा याचिकाओं का इस्तेमाल नहीं कर लेते। इसके पहले भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भी यह बात इशारों में कही थी, पर आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान की ओर से यह पहला बयान है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को पाकिस्तान में हुई नैशनल सिक्यॉरिटी कमिटी (NSC) की बैठक में यह फैसला लिया गया है। जाधव को रिहा कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत में केस लड़ रहे भारत के लिए यह बड़ी राहत की खबर है।
पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक बयान जारी किया जिसके बारे में उनका दावा है कि यह जाधव मामले में 18 जून के आईसीजे के फैसले के बाद भारतीय मीडिया में आए ‘कुछ गलत बयानों’ के जवाब में है ।जकारिया ने कहा कि आईसीजे के स्थगन के बावजूद जाधव तब तक जिंदा रहेगा जब तक उसके दया के अधिकार के तहत की गई अंतिम याचिका पर फैसला नहीं आ जाता। जिसमें पहले चरण में सेना प्रमुख और बाद में पाकिस्तानी राष्ट्रपति के पास याचिका दायर करने का अधिकार है।
उन्होंने भारतीय सरकार पर आईसीजे में जाधव मामले को ‘जीतने की गलत भ्रांति’ फैलाने के लिए मीडिया के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जाधव मामले में, ‘सरकारी खेमों की मदद के साथ भारतीय मीडिया ने यह प्रचार कर दोनों देशों के लोगों को गुमराह किया कि भारत जाधव मामले में जीत गया है।’ जकारिया ने कहा, ‘दोनों देशों में जो चर्चा शुरू हुई है, उसमें पूरी तरह से मामले की समझ का अभाव दिखता है।’
अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) ने भी पाकिस्तान को जाधव की फांसी पर रोक लगाने का आदेश दिया था, पर इस बात को लेकर संशय बना हुआ था कि पाकिस्तान इस फैसले को मानेगा या नहीं। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस आदेश के खिलाफ अपील भी दायर की है, जिस पर 8 जून को सुनवाई होनी है। ICJ में पाकिस्तान की रणनीति को तय करने के लिए ही यह बैठक बुलाई गई थी।
NSC की मीटिंग की अगुआई पीएम नवाज शरीफ ने की। मीटिंग में पाकिस्तान के सामने उपलब्ध विकल्पों और सुनवाई के लिए की गईं तैयारियों की चर्चा हुई। इस बैठक में आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा, जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के चेयरमैन जनरल जुबैर हयात, नेवी चीफ एडमिरल मोहम्मद जकाउल्लाह, एयरचीफ सोहेल अमन और आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नावेद मुख्तार आदि शामिल हुए। इसके अलावा, डिफेंस मिनिस्टर ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री इश्हाक डार, गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान, प्लानिंग मिनिस्टर अहसान इकबाल, पीएम के सलाहकार सरताज अजीज और नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर नसीर खान जंजुआ ने भी मीटिंग में हिस्सा लिया।
डॉन लीक मामले के बाद पहली बार नागरिक सरकार और देश की सेना के टॉप प्रतिनिधि एक जगह इकट्ठा हुए। यह मीटिंग ऐसे वक्त में हुई है, जब एक दिन पहले पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अश्तर औसफ अली ने पाकिस्तान की नैशनल सिक्यॉरिटी पर बनी संसदीय कमिटी के सामने पेश हुए। इसमें अटॉर्नी जनरल ने बताया कि पाकिस्तान अपने ऐड हॉक जज को ICJ में तैनात करेगा। इसके अलावा, वह खुद अंतरराष्ट्रीय अदालत में पाकिस्तानी लीगल टीम की अगुआई करेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, जाधव के अलावा, देश के आंतरिक और सीमा सुरक्षा के मुद्दे पर भी नेताओं और अफसरों में बातचीत हुई।