Home राज्य MRI मशीन से चिपक गई बंदूक, बदहवास हो भागे मंत्रीजी

MRI मशीन से चिपक गई बंदूक, बदहवास हो भागे मंत्रीजी

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लखनऊ

डॉक्टर राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मंत्रीजी का वीआईपी ट्रीटमेंट करने में डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक इतने लीन हो गए कि उनका सुरक्षा गार्ड एमआरआई रूम में बंदूक लेकर घुस गया। मशीन में लगे चुंबक ने बंदूक को खींच लिया। तेज आवाज के साथ मशीन बंद हो गई और मंत्रीजी घबराकर तेजी से रूम से बाहर भागे। 5 करोड़ की एमआरआई मशीन इसके बाद खराब हो गई, जिसे ठीक करने के लिए इंजिनियरों को बुलाया गया।

खादी ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी गुरुवार को हरदोई में एक कार्यक्रम के दौरान बेहोश हो गए थे। शाम 7:30 पर उन्हें लोहिया संस्थान में भर्ती करवाया गया। यहां जांच में उनका शुगर लेवल और बीपी लो निकला। शुक्रवार को डॉक्टरों ने उनके सिर का एमआरआई करवाने की सलाह दी। इसके बाद दोपहर 12:30 पर एमआरआई रूम के बाहर पहले बैठे मरीजों को हटा दिया गया।

डॉक्टर मंत्रीजी को जांच के लिए एमआरआई रूम में ले गए और टेबल पर लिटा दिया। इसके बाद मंत्री का गनर बंदूक लेकर अंदर पहुंच गया, जबकि रूम के दरवाजे पर ही मेटल भीतर न ले जाने की चेतावनी लगी हुई। लेकिन गनर ने उसे नजरअंदाज कर दिया। मंत्रीजी का रसूख कहें या अनदेखी पर किसी डॉक्टर ने भी उसे नहीं टोका। जांच के लिए मशीन ऑन होते ही उसमें लगा चुंबक प्रभावी हो गया। बंदूक गनर के हाथ से निकल मशीन में फंस गई और तेज आवाज के साथ मशीन बंद हो गई। इससे मंत्रीजी, डॉक्टर व कर्मचारी घबरा गए। मंत्रीजी हड़बड़ाहट में टेबल से उठे और बाहर भाग गए।

यह है नियम
एमआरआई जांच के दौरान तीमारदार को अंदर नहीं आने दिया जाता है। मरीज के पास कोई मेटल का सामान नहीं होना चाहिए। मरीज को अंदर ले जाने से पहले कर्मचारी चेक करते हैं कि उसके पास बेल्ट, मोबाइल समेत कोई भी मेटल और गोल्ड का सामान न हो। अस्पताल के निदेशक डॉक्टर दीपक मालवीय ने बताया, ‘मंत्री का गनर एमआरआई रूम के गेट पर था। वह अंदर चला गया, जिससे यह हादसा हो गया। मशीन को ठीक करवाने के लिए इंजीनियर को कॉल कर दिया गया है।’

अब भटकेंगे मरीज
संस्थान के डॉक्टर ने बताया कि एमआरआई मशीन 5 करोड़ रुपये की है। इससे रोजाना 30 मरीजों की जांच होती है। वहीं नए मरीजों की जुलाई तक की वेटिंग दी जा रही है। ऐसे में मशीन खराब होने से मरीजों को जांच के लिए भटकना पड़ेगा। एमआरआई की सुविधा सिर्फ केजीएमयू और लोहिया अस्पताल में है। इस कारण लोड काफी है।

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