मंदसौर/देवास
मंदसौर गोलीकांड के खिलाफ बुधवार को किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद का सामान्य जनजीवन पर मिलाजुला असर देखने को मिला। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बंद समर्थकों द्वारा दूध और सब्जियों की खेप को सड़कों पर बलपूर्वक बिखेरने की छिटपुट घटनाएं सामने आयीं। आधे दिन के बंद के दौरान शहर की ज्यादातर दुकानें और दफ्तर खुले रहे और सड़कों पर सामान्य दिनों की तरह यातायात चलता रहा। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का खासा असर दिखाई दिया। हिंसा की आग प्रदेश के कुछ और जिलों तक पहुंच गई है।
इंदौर-खंडवा रोड पर लगाया जाम
चश्मदीदों ने बताया कि सिमरोल क्षेत्र में बंद समर्थकों ने दुकानें बंद कराईं। इसके बाद उन्होंने इंदौर-खंडवा रोड पर बैठकर धरना दिया। इससे कुछ देर के लिये रास्ता जाम हो गया। पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से चर्चा के जरिये धरना खत्म कराया और सड़क पर यातायात बहाल कराया। सांवेर और कुछ अन्य ग्रामीण इलाकों में बंद समर्थकों ने मंगलवार रात और बुधवार की सुबह दूध और सब्जियां ले जा रहे वाहनों को जबरन रोका और इनमें लदा माल सड़कों पर बिखेर दिया। इससे शहर में इन उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई।
शहर की प्रमुख अनाज और फल सब्जी मंडियों में बंद के कारण कारोबार लगभग ठप रहा। किसान संगठनों के बुलाये बंद को कांग्रेस के समर्थन दिये जाने के बाद शहर के अलग-अलग इलाकों में बीजेपी नेता दुकानें खुलवाने की कोशिश करते देखे गये। बंद के मद्देनजर पुलिस ने जिले में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये थे। प्रशासन के अफसरों को भी अलग-अलग इलाकों में तैनात किया गया था। प्रशासन ने बुधवार को जिले में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी था। हालांकि, सरकारी आदेश में कहा गया कि विद्यार्थियों को ‘मॉनसून से पहले की बारिश से उत्पन्न स्थिति और उमस’ से बचाने के लिये स्कूलों में अवकाश घोषित किया जा रहा है।
देवास तक पहुंची हिंसा की आग
इस बीच मंदसौर हिंसा की आग राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने लगी है। किसानों ने बुधवार को देवास जिले में हाट पिपलिया थाने पर धावा बोल दिया और वहां खड़े जब्ती के वाहनों को आग लगा दी। किसानों ने भोपाल-इंदौर के बीच चलने वाली दो बसों सहित 10 से अधिक वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, किसान जुलूस के रूप में हाट पिपलिया थाने पहुंचे, जहां उन्होंने उपद्रव मचाया और परिसर में रखे जब्ती के वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद आंदोलनकारी किसान नेवली फाटा की ओर बढ़े, जहां उन्होंने वाहनों में तोड़फोड़ की। पुलिस ने कहा कि इस दौरान किसानों ने वहां से गुजर रही दो यात्री बसों को रज़ककर उनमें आग लगा दी। लेकिन इस घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त आंदोलनकारियों ने वहां से गुजर रहे 10 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया और पथराव भी किया।
कल आ सकते हैं राहुल
किसानों के मुद्दे पर सियासत जमकर हो रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को मंदसौर का दौरा कर सकते हैं। इस दौरान वह गोलीकांड में मारे गए पांच किसानों के परिजनों से मिलेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन ने कहा, ‘हमारे नेता राहुल गांधी कल आंदोलन के दौरान मारे गये किसानों के परिजन से मिलना चाहते हैं और उन्हें सांत्वना देना चाहते हैं। संकट की इस घड़ी में पूरी कांग्रेस मध्यप्रदेश के किसानों के साथ है। प्रदेश सरकार को अपनी नींद से जागना चाहिए और किसानों की मदद करनी चाहिए।’ जयवर्धन ने बताया, ‘पहले राहुल जी आज मंदसौर आने वाले थे, लेकिन उनका कार्यक्रम ऐन मौके पर स्थगित कर दिया गया। शायद वह मंदसौर जिले के सटे हुए नीमच आएंगे और उसके बाद वहां से मृतक किसानों के परिजन के घर जाएंगे।’
बता दें कि अपनी उपज के वाजिब दाम सहित 20 मांगों को लेकर मध्यप्रदेश के किसान 1 जून से 10 जून तक आंदोलन पर हैं। आंदोलन के छठे दिन मंगलवार को मंदसौर जिले में कथित रूप से पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गयी और छह अन्य घायल हो गये। इस घटना के बाद प्रशासन ने तनावग्रस्त पिपल्यामंडी थाना क्षेत्र और मंदसौर शहर में कर्फ्यू लगा दिया। साथ ही जिले के शेष इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी। हालांकि, जिले के अधिकारियों का कहना है कि किसानों की मौत पुलिस फायरिंग में नहीं हुई है। उनका दावा है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई।