इटारसी
प्रदेश में पिछले साल व्यापमं के जरिए हुई पुलिस आरक्षक भर्ती एक नए विवाद में आ गई है। इससे करीब 80 चयनित अभ्यार्थियों की पोस्टिंग पर जांच की तलवार लटक गई है। अभ्यार्थियों से लिखित एवं शारीरिक परीक्षा के वक्त लिए गए बाएं हाथ के फिंगर प्रिंट बदल गए हैं, इस वजह से चयन के बावजूद इन्हें फिलहाल पोस्टिंग देने से रोक दिया गया है।अफसर प्रकरणों की संख्या कम बता रहे हैं लेकिन बताया गया है कि पूरे प्रदेश में करीब 320 प्रकरणों में फिंगर प्रिंट की गड़बड़ी हुई है, इनमें कुछ एसआई-एएसआई के मामले भी हैं।
क्या है मामला
गृह विभाग ने मई 2016 में करीब 14248 पदों के लिए ऑनलाइन आरक्षकों की भर्ती निकाली थी। भोपाल, इंदौर समेत कई केन्द्रों पर 17 जुलाई से 9 अगस्त तक लिखित परीक्षा हुई। 14 सितंबर को एमपी ऑनलाइन पर इसके परिणाम जारी हुए।चयनित अभ्यार्थियों से शारीरिक दक्षता सितंबर माह में जबलपुर की 6 बटालियन परेड़ ग्राउंड रांझी में हुई थी। इसके बाद मेरिट में चयनित अभ्यार्थियों की फाइनल सूची जारी कर दी गई। आरक्षक (जीडी), कुक, धोबी, चालक, नाई समेत कई पदों पर अभ्यर्थी चयनित हो गए और फरवरी में उनकी पोस्टिंग यूनिट भी बता दी गई, लेकिन करीब 80 अभ्यार्थियों के रिटर्न एवं शारीरिक दक्षता के वक्त लिए गए थंब साइन बदलने से उन्हें ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही है।
अभ्यर्थियों के उड़े होश
इंदौर में लिखित परीक्षा के दौरान बॉयोमेट्रिक थंब लिया गया था, लेकिन जबलपुर में जब अफसरों ने मशीन में आए थंब पर संदेह जताया तो जवानों के होश उड़ गए। क्रास चेक के लिए सील पेड थंब भी कागज पर लिया गया। दावेदारों का कहना है कि विभागीय ओर से ही गलती हुई है। या तो एक ही नाम के अभ्यार्थियों की थंब एंट्री गड़बड़ हुई या बाएं की जगह दायां नमूना रिकार्ड हो गया। अधिकारियों ने यह कहकर ज्वाइनिंग रोक दी कि स्पष्ट अभिमत नहीं है।
नहीं रूक रही गड़बड़ी
मप्र में व्यापमं घोटाले के बाद सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता रखने कई प्रावधान होने के बावजूद गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, पिछले दिनों इसी परीक्षा में मुन्नाभाईयों की लिप्तता एवं स्टेनो भर्ती में गड़बड़ी का मामला नवदुनिया ने एक्सपोज किया था।
जांच के घेरे में आए
नमूने में अंतर आने से अभ्यार्थी जांच के घेरे में आ गए हैं। पूरी प्रकिया में अभ्यर्थियों के फोटो, वीडियोग्राफी, बार कोर्ड, राइटिंग सैंपल समेत कई बिंदुओं पर क्रास मैचिंग हुई, इसके बाबजूद गड़बड़ी होने से मामला संवेदनशील हो गया है, हालांकि अफसरों का दावा है कि वीडियो रिकार्डिंग के जरिए स्थिति साफ हो जाएगी और यदि कोई फर्जीवाड़ा हुआ है तो दोषी पकड़े जाएंगे, जो ईमानदार अभ्यर्थी हैं उन्हें क्लीनचिट मिलते ही पदस्थ कर दिया जाएगा।