भोपाल
भोपाल रेलवे स्टेशन पर चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करने वाले एक और यात्री का पैर फिसल गया। वह ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच 150 फीट तक घिसटता रहा और ट्रेन दौड़ती रही। यह नजारा देख प्लेटफार्म पर लोग बचाओ-बचाओ की आवाज कर उसके पीछे दौड़ने लगे। लेकिन ट्रेन की स्पीड देख किसी की हिम्मत मौत और जिंदगी के बीच झूल रहे यात्री को बचाने काम नहीं आई। इतने में प्लेटफार्म पर गश्त कर रहे एक आरपीएफ के जवान ने यह नजारा देख दौड़ लगा दी और यात्री को चलती ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच से बाहर खींच निकाला।
यह घटनाक्रम मंगलवार तड़के 4 बजे भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म-1 का है। हाल ही में एक महिला यात्री की ट्रेन और प्लेटफार्म की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। आए दिन ऐसे केस होते हैं ज्यादातर की जान चली जाती है या हाथ-पैर कट जाते हैं।
औरंगाबाद निवासी महबूब खान (63) भोपाल आए थे। उन्हें सचखंड एक्सप्रेस (12716) से वापस जाना था। ट्रेन 3:55 बजे प्लेटफार्म पर पहुंच चुकी थी लेकिन तब तक वे नहीं पहुंचे थे। 4 बजे ट्रेन अगले स्टेशन के लिए चलने लगी, तब वे एक हाथ में बैग लेकर दौड़ते हुए आए और ट्रेन में चढ़ने लगे।
उन्होंने दोनों हाथ से गेट पर लगे हैंडल तो पकड़ लिए, लेकिन पैर पायदान पर नहीं रख पाए। करीब वे 150 फीट तक घिसटाते रहे। इस दौरान प्लेटफार्म पर आरपीएफ के एएसआई चंदन सिंह असिस्टेंट सीनियर कमांडेंट बीके मीणा के साथ गश्त कर रहे थे उन्होंने यात्री को बचाने दौड़ लगा दी और कुछ ही समय में उसे बचा लिया।
आपबीती- मैंने सोचा अब नहीं बच पाऊंगा
यात्री महबूब खान कहते हैं, मैंने सोचा अब नहीं बच पाऊंगा, क्योंकि सांसे फूल चुकी थी, हाथ-पैर दर्द होने लगे थे। हिम्मत भी हारने ही वाला था कि जवान ने मुझे बाहर खींच लिया। यदि कुछ ही सेकेंड मुझे यह मदद नहीं मिलती तो मैं आगे का जीवन नहीं देख पाता। मेरी जान बचाने वाले जवान का मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा। उन्होंने मुझे नया जीवन दिया है। आगे से कभी ऐसी गलती नहीं करूंगा, दूसरों को भी रोकूंगा।