नई दिल्ली
आयुष मंत्रालय के एक संस्थान की बुकलेट पर विवाद शुरू हो गया है। इसमें गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाने और मांस का सेवन करने से बचने का सुझाव दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस दौरान उनको बुरी संगत से दूर रहना चाहिए और आध्यात्मिक विचार रखने चाहिए।
हालांकि, डॉक्टर्स का कहना है कि मांस के सेवन से गर्भावस्था में कोई दिक्कत नहीं होती। इससे प्रोटीन और आयरन मिलता है। अगर गर्भाश्य में कोई दिक्कत न हो तो सेक्स करने में भी कोई बुराई नहीं होती। बुकलेट में सुझाव दिया गया है कि महिलाएं गर्भावस्था के दौरान महान लोगों की कहानी सुनें, गुस्सा न करें और बुरे लोगों की संगत से दूर रहें।
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योग ऐंड नेचुरोपथी की ‘मदर ऐंड चाइल्ड केयर’ नाम की इस बुकलेट को हाल में ही आयुष मंत्री श्रीपाद नाईक ने जारी किया है। काउंसिल के डायरेक्टर डॉ. ईश्वर आचार्य ने कहा, ‘इस बुकलेट में गर्भवती महिलाओं को योग, आहार और दैनिक दिनचर्या के बारे में कई सुझाव दिए गए हैं। ये सुझाव बाध्यकारी नहीं हैं। जिन्हें ये पसंद आएं, वह इन पर अमल कर सकते हैं।’
इस बुकलेट में यह भी कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़नी चाहिए। मन को शांत रखना चाहिए और महापुरुषों की जीवनी का अध्ययन करना चाहिए। इसमें यह सलाह भी दी गई है कि गर्भवती महिला को अपने बेडरूम में अच्छे चित्र लगाने चाहिए और क्रोध से दूर रहना चाहिए। इस बुकलेट में विस्तार से बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान महिला की दिनचर्या और डायट कैसी होनी चाहिए। इसमें यह भी जानकारी दी गई है कि गर्भावस्था के दौरान कौन-कौन से योगासन और प्राणायाम करने या नहीं करने चाहिए।