इस्लामाबाद
पाकिस्तान के थार में एक नाबालिग हिंदू लड़की के कथित अपहरण और धर्मांतरण के मुद्दे पर जमकर विवाद हो रहा है। स्थानीय हिंदू समुदाय के लोगों में इसे लेकर आक्रोश व्याप्त है।रविता मेघवार की उम्र 16 साल है। 6 जून को वानहारो गांव के नजदीक नगरपारकर इलाके के सैयद समुदाय के कुछ लोगों ने कथित तौर पर उसका अपहरण कर लिया था।
गुरुवार को उमरकोट में रविता ने अपने पति नवाज अली शाह के साथ पत्रकारों के सामने यह ‘कबूला’ कि उसने अपनी मर्जी से ही इस्लाम स्वीकारा है और नवाज से निकाह भी उसने अपनी मर्जी से किया है। लड़की का दावा है कि उमरकोट जिले में उसने इस्लामिक गुरु की मौजूदगी में इस्लाम धर्म कबूला है।
शुक्रवार को इस्लामकोट में एक बार फिर वह पत्रकारों से रूबरू हुई और दावा किया कि उसका अपहरण नहीं किया गया है बल्कि वह खुद नवाज शाह के साथ के लिए घर छोड़ा। उसने अपने और अपने पति के लिए सुरक्षा की मांग भी की।
हालांकि, लड़की के परिवार समेत स्थानीय हिंदू समुदाय का कहना है कि उसका अपहरण किया गया और उस पर धर्मांतरण के लिए दबाव डाला गया। रविता के पिता सतराम दास मेघवार ने आरोप लगाया कि सैयद समुदाय के प्रभावशाली लोगों ने उनके पूरे परिवार को नींद की गोलियां खिलाकर उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था।
रविता के पिता ने आरोप लगाया कि लगातार अनुरोध करने के बावजूद थार पुलिस ने तब तक लड़की का पता लगाने की कोई कोशिश नहीं की, जब तक कि उसका जबरन धर्मांतरण नहीं करा लिया गया।इस्लामिक गुरु के द्वारा जारी किए गए मैरिज सर्टिफिकेट के मुताबिक, ‘लड़की की उम्र 18 साल है और वह अपनी मर्जी से शादी कर सकती है। उसका इस्लामिक नाम गुलनार है।’
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के प्रमुख रमेश कुमार ने रविता के कथित अपहरण और धर्मांतरण पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा, हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत 18 साल से कम उम्र की लड़की का धर्मांतरण नहीं किया जा सकता है।