भोपाल। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अब मप्र सरकार का फाइनेंशियल ईयर 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक होगा। इसके चलते अब बजट मार्च में नहीं बल्कि दिसंबर में पेश किया जाएगा। मंगलवार को हुई टिफिन कैबिनेट…
-हर मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक इस बार कुछ अलग रही। इस बैठक को टिफिन कैबिनेट नाम दिया गया, जिसमें शामिल सभी मंत्री अपने साथ टिफिन लेकर विधानसभा पहुंचे। गौरतलब है कि बैठक से एक दिन पहले सभी मंत्रियों को सीएम सचिवालय से मैसेज किया गया था कि उन्हें अपने घर से खाना बनाकर लाना होगा।
-सीएम सचिवालय से मिले मैसेज के बाद मंगलवार को लंच लेकर पहुंचे विधानसभा पहुंचे कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि, यह अच्छी पहल है। बैठक में शामिल सभी मंत्री जब एक साथ खाना खाने बैठेंगे तो संवाद भी बढ़ेगा। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने कहा कि, बैठक के समय लंच लेकर जाता तो खाना ठंडा हो जाता इसलिए मैंने लंच 2 बजे मंगवाया था।
क्या कहा मंत्रियों ने टिफिन बैठक के बारे में…
-ऐसी पहल से आपसी भाईचारा बढ़ाता है। – जयभान सिंह पवैया, उच्चतर शिक्षा मंत्री
-बैठक के बाद सभी एक साथ बैठकर खाना खाएंगे तो अलग-अलग मुद्दों पर आपस में चर्चा कर सकेंगे। -माया सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री
-ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर होते रहना चाहिए। इनसे मंत्रियों के बीच संवाद बढ़ेगा।– जयंत मलैया, वित्त मंत्री
-ऐसी पहल से आपसी भाईचारा बढ़ाता है। – जयभान सिंह पवैया, उच्चतर शिक्षा मंत्री
-बैठक के बाद सभी एक साथ बैठकर खाना खाएंगे तो अलग-अलग मुद्दों पर आपस में चर्चा कर सकेंगे। -माया सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री
-ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर होते रहना चाहिए। इनसे मंत्रियों के बीच संवाद बढ़ेगा।– जयंत मलैया, वित्त मंत्री
-गौरतलब है कि बैठक के लिए मंत्रियों को घर से भोजन लाने के लिए कहा गया था। इसकी वजह जाहिर नहीं की गई थी, हालांकि इतना बताया गया कि यह मैराथन बैठक हो सकती है। सूचना मिलने के बाद कई मंत्री पसोपेश में थे कि आखिर मुख्यमंत्री ने टिफिन लाने को क्यों कहा है? सूत्रों के मुताबिक आनंद विभाग के सुझाव पर ऐसा किया गया।
-कैबिनेट के भोज में मंत्री अपनी पसंद का भोजन ले गए। भास्कर ने जब इस बारे में उनसे बात की तो ज्यादातर मंत्रियों ने सादा भोजन ले जाने की बात कही। हालांकि, मंत्रियों ने यह राज नहीं खोला कि उनके टिफिन में क्या स्पेशल है।
आनंद विभाग ने इस भोज के लिए सरकार को बाकायदा एक थीम दी थी। इस थीम में चार बिंदू शामिल किए गए।
-मेलजोल: साथ बैठकर भोजन करने से आपसी मेलजोल बढ़ता है। स्वरुचि भोज में आमतौर पर लोग अलग-अलग दूर जाकर भोजन ग्रहण करते हैं।
-विविधता: ऐसे भोज में अलग-अलग टिफिन में अलग-अलग भोजना मिलता है। इस तरह सभी को अपने टिफिन के अलावा अन्य क्षेत्र के व्यंजन भी मिल जाते हैं।
-सुपाच्य: गर्मी के मौसम में डाइटिशियन बाहर का खाने से परहेज करने की सलाह देते हैं। ऐसे में घर का भोजन पाचन के लिए भी अच्छा होता है।
-खर्च कटौती: घर से टिफिन लाने पर भोजन पर सरकारी मद से राशि खर्च नहीं होगी। हालांकि सरकारी खर्चों के हिसाब से यह बहुत कम है लेकिन फिर भी बेहतर प्रयास है।
-मेलजोल: साथ बैठकर भोजन करने से आपसी मेलजोल बढ़ता है। स्वरुचि भोज में आमतौर पर लोग अलग-अलग दूर जाकर भोजन ग्रहण करते हैं।
-विविधता: ऐसे भोज में अलग-अलग टिफिन में अलग-अलग भोजना मिलता है। इस तरह सभी को अपने टिफिन के अलावा अन्य क्षेत्र के व्यंजन भी मिल जाते हैं।
-सुपाच्य: गर्मी के मौसम में डाइटिशियन बाहर का खाने से परहेज करने की सलाह देते हैं। ऐसे में घर का भोजन पाचन के लिए भी अच्छा होता है।
-खर्च कटौती: घर से टिफिन लाने पर भोजन पर सरकारी मद से राशि खर्च नहीं होगी। हालांकि सरकारी खर्चों के हिसाब से यह बहुत कम है लेकिन फिर भी बेहतर प्रयास है।
वन टू वन चर्चा करेंगे सीएम
बैठक में सीएम मंत्रियों से अलग से चर्चा भी करेंगे, जिसके तहत कार्यसमिति की बैठक और ग्रामोदय से भारत उदय के दौरान नदारद रहने वाले मंत्रियों से जवाब मांगा जा सकता है। बैठक में अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसमें परिवहन चौकियों पर 6-6 माह में पोस्टिंग नीति खत्म करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है।
बैठक में सीएम मंत्रियों से अलग से चर्चा भी करेंगे, जिसके तहत कार्यसमिति की बैठक और ग्रामोदय से भारत उदय के दौरान नदारद रहने वाले मंत्रियों से जवाब मांगा जा सकता है। बैठक में अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसमें परिवहन चौकियों पर 6-6 माह में पोस्टिंग नीति खत्म करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है।