Home विदेश बलूचिस्तान को पाकिस्तान ने ‘धरती का नरक’ बना दिया: बलूच नेता

बलूचिस्तान को पाकिस्तान ने ‘धरती का नरक’ बना दिया: बलूच नेता

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जिनेवा

पाकिस्तान भले ही कश्मीर में भारत की कथित हिंसा और ज्यादतियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बनाकर भारत को घेरने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन बलूचिस्तान के मुद्दे पर उसे लगातार शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। बलोच नेताओं ने एक बार फिर बलूचिस्तान में पाकिस्तान की ज्यादतियों के खिलाफ आवाज उठाई है।

बलोच ऐक्टिविस्ट मुनीर मेंगल ने कहा कि पाकिस्तान ने बलूचिस्तान को ‘धरती का नरक’ बनाकर रख दिया है। स्विटजरलैंड के जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 35वें सत्र में बलोच नेता मेंगल ने कहा, पाकिस्तान के लगातार अपने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के दावे के बावजूद बलोच लोग इस्लामिक राज्य के नियंत्रण में जितनी तकलीफें और मुसीबतें झेल रहे हैं, वह धरती पर ही किसी नरक में जीने जैसा है।

बलोच नेता ने कहा, ‘भय, हस्तक्षेप और दमन बलोच लोगों की जिंदगी का एक हिस्सा बन गया है, पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर अदृश्य रूप में सैन्य शासन थोप रखा है। कई बड़े सैन्य ऑपरेशनों के बीच बलोचिस्तान 2016 से 2017 के बीच बंद ही रहा है।’ मेंगल ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने बलूचिस्तान में हथियारों से लैस भारी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती कर रखी है और साथ ही साथ बलोच लोगों पर पूरी तरह से निगरानी की जा रही है।

बलोच नेता ने बताया, ‘सितंबर 2012 में यूएन की एक संस्था के प्रतिनिधमंडल ने बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा का दौरा किया था और बलूचिस्तान से लापता लोगों के परिजनों से मुलाकात की थी। यूएन के प्रतिनिधिमंडल को बहुत ही नियंत्रित तरीके से दौरे की इजाजत दी गई थी। प्रतिनिधिमंडल के कई सवाल अनुत्तरित ही रह गए। आज की तारीख में भी लोग अपने परिजनों की तलाश में हैं।’

उन्होंने पाक पर दमनकारी नीति का आरोप लगाते हुए कहा, चीन-पाक आर्थिक गलियारा के लिए सुरक्षा उपायों के नाम पर बलोच नेताओं की आवाज को दबाया जा रहा है और इलाके में स्थिरता के लिए बलूच लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया गया है।

मालूम हो कि पाकिस्तान पर बलूचिस्तान के मूल निवासियों के साथ बर्बरता और ज्यादती करने के आरोप लगते आए हैं। कई मानवाधिकार संगठनों ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बलोचिस्तान में पाकिस्तान लगातार किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मामले बेहद गंभीर हैं। जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ समय में बड़ी संख्या में बलोच लोगों का अपहरण किया गया है। पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों पर भी बलूचिस्तान में बेहद नृशंसता बरतने का आरोप है। बलूचिस्तान के मूल निवासियों की एक बड़ी संख्या पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रही है। आरोप है कि पाकिस्तान बेहद क्रूरता से इन आंदोलनों को दबाने की कोशिश कर रहा है।

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