भोपाल
भोपाल में रविवार और सोमवार को 24 घंटे के अंदर डेम और तालाब में पांच लोग डूब गए। इनमें से रविवार को कोलार में 10 साल के किशोर और तैलया में 18 साल के युवक की डूबने से मौत हो गई और बिलखिरिया के घोड़पछाड़ डेम में तीन इंजीनियरिंग छात्र डूब गए। इनमें से दो के शव मिल गए हैं, जबकि एक का शव देर रात तक एसडीईआरएफ की टीम भी नहीं खोज पाई थी। तीन एलएनसिटी कॉलेज के फर्स्ट ईयर के छात्र हैं। देर रात तक स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स (एसडीईआरएफ) की टीम तलाशी अभियान में जुटी हुई थी।
बीएचएल क्षेत्र स्थित घोड़ा पछाड़ डैम में डूबने से तीन छात्रों की मौत हो गई। हादसा सोमवार को उस वक्त हुआ जब तीनों छात्र एग्जाम के बाद डैम पर घूमने गए थे। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस एवं बचाव दल ने रेस्क्यू कर दो शव बरामद कर लिए हैं, जबकि तीसरे छात्र की तलाश जारी है।
बिलखिरिया थाने से मिली जानकारी के अनुसार, एग्जाम खत्म होने के बाद एलएनसीटी कॉलेज के बीई पहले सेमेस्टर के 8 दोस्त डैम घूमने के लिए गए थे। उसी वक्त दोस्तों ने डैम में नहाने का मन बनाया और हादसा हो गया। इस हादसे में तीन दोस्तों की मौत हो गई। हादसे के पहले किनारे पर बैठा एक दोस्त वीडियो बना रहा था। इस वीडियो में मौत से पहले का वह मंजर कैद हो गया, जिसमें तीनों दोस्त मस्ती करते दिखाई दे रहे हैं। हादसे के बाद किनारे पर खड़े दोस्तों ने डायल 100 को कॉल करके सूचना दी थी।
सभी दोस्त पैदल पहुंचे थे डैम
बिलखिरिया थाना प्रभारी राजेश सिन्हा ने बताया कि, सोमवार को बीई पहले सेमेस्टर का आखिर पेपर था। पेपर देने के बाद सभी दोस्त हॉस्टल से पैदल डैम घूमने के लिए आए थे। इस दौरान सभी दोस्त नहाने के लिए पानी में उतर गए। इस दौरान पीयूष, सोनू और अंकित की डूबने से मौत हो गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि कॉलेज के बाद पीयूष, सोनू, अंकित, मृत्युंजय, अभय, चिराग, पारस और उज्जवल घोड़ा पछाड़ डैम पहुंचे थे। यहां गहरे पानी में चले जाने की वजह से तीन छात्रों की मौत हो गई।
हम चीख रहे थे, और वे डूब रहे थे
‘हम बाहर कपड़े बदलने लगे। मैंने सोनू और पियुष से कहा- बाहर आ जाओ। बस बहुत हुआ, लेकिन वह मिट्टी छुटाने का कहकर दोबारा नहाने लगे। हम हॉस्टल जाने की तैयार में थे। तभी सोनू चीखा। हमें बचाओ। हम डूब रहे हैं। मैं अंकित और मृत्युंजय पानी में कूद गए। लेकिन मुझे और मृत्युंजय को तैरना नहीं आता था। मृत्युंजय भी डूबने लगा। अंकित ने कहा तुम दोनों बाहर जाओ मैं इन्हें बचाता हूं। मैं उसे बचाकर बाहर खींच लाया। किनारे पर आने के बाद पलटकर देखा तो तीनों पानी के अंदर समा चुके थे। हम चीख रहे थे। कोई तो उन्हें बचाओ, लेकिन हमारी मदद के लिए कोई नहीं था। हमने डायल-100 को कॉल लगाने का प्रयास किया, लेकिन नेटवर्क नहीं था। गिरते-पड़ते डेम के ऊपर पहुंचने पर नेटवर्क आया, तब पुलिस को फोन कर पाए। हम चीख रहे थे और वे हमारे सामने डूब गए। अगर मुझे तैरना आता तो मैं भी दोस्तों को बचाने का प्रयास कर सकता। काश हम यहां आए ही नहीं होते।
दोस्तों को बचाने पानी में गया था अंकित
मृतकों में पीयूष रंजन, सोनू कुमार और अंकित शर्मा शामिल है। पीयूष मूलतः पटना और सोनू बिहार के बेगूसराय का रहने वाला था, जबकि अंकित उज्जैन निवासी बताया जा रहा है। अंकित नहाने के बाद किनारे पर बैठा था, उसी वक्त उसने देखा कि पीयूष और सोनू गहरे पानी में जाने की वजह से डूब रहे हैं। उसने फौरन पानी में छलांग लगा दी और संतुलन बिगड़ने से उसकी भी मौत हो गई।