नई दिल्ली
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के मुकाबले मीरा कुमार को मैदान में उतारने के बाद अब विपक्ष कोविंद के खिलाफ जोर शोर से प्रचार करने की भी तैयारी कर रहा है। इस प्रचार में कोविंद को यह कहते हुए निशाना बनाया जा सकता है कि आरक्षण को लेकर उनकी प्रतिबद्धता संदिग्ध है। विपक्ष यह आरोप भी लगाएगा कि बीजेपी के करीबी माने जाने वाले भगवा संगठनों ने पहले दलित राष्ट्रपति केआर नारायणन के चयन पर सवाल खड़े किए थे।
बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में विपक्षी दलों के नेताओं के बीच एक पर्चा भी बांटा गया है, जिसमें इन तमाम बातों को विस्तार से बताया गया है। विपक्ष का कहना है कि जब केआर नारायणन देश के राष्ट्रपति बनने वाले थे, तब विश्व हिंदू परिषद ने उनकी उम्मीदवारी को हिंदुत्व के खिलाफ साजिश करार दिया था। विपक्षी दलों का आरोप है कि उस वक्त बीजेपी और आरएसएस ने इस बात का विरोध करने के बजाय चुप्पी साध ली थी।