राज्यसभा में लीडर ऑफ अपोजिशन गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को सदन में गुजरात के राज्यसभा इलेक्शन का जिक्र अलग ही तरीके से किया। आजाद ने इसे भारत छोड़ो आंदोलन से जोड़ दिया। आजाद ने कहा- गुजरात में मंगलवार की रात भी वैसी ही लगती है जैसी 8-9 अगस्त 1942 की रात थी। बता दें कि 8-9 अगस्त 1942 को ही भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। बुधवार को इसकी 75th एनिवर्सरी थी। संसद में इसके लिए खास प्रोग्राम हुआ। इसी दौरान दिए गए भाषण में सीपीआईएम के सीताराम येचुरी ने कहा- भारत को हिन्दू पाकिस्तान नहीं बचाया जाना चाहिए।
भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर संसद में कई नेताओं के भाषण हुए। नरेंद्र मोदी भी बोले। लेकिन, अपोजिशन के नेताओं की जब बारी आई तो उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल बीजेपी और सरकार पर तंज कसने के लिए किया।
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “मैं कल रात का जिक्र नहीं करना चाहता। इस मौके पर सियासत भी नहीं लाना चाहता। लेकिन, ये रात भी वैसी ही थी जैसी कि 8-9 अगस्त 1942 की रात थी। क्योंकि, वहां जो डेवलपमेंट्स हो रहे थे, उन्होंने हमें सुबह तक जगाए रखा।”
बता दें कि गुजरात में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात राज्यसभा की तीन सीटों के लिए काउंटिंग हुई थी। बीजेपी के बलवंत सिंह राजपूत और सोनिया गांधी के पॉलिटिकल एडवाइजर अहमद पटेल के बीच कांटे का मुकाबला था। तमाम ड्रामे के बाद पटेल ने इलेक्शन जीत लिया था। आजाद इसी तरफ इशारा कर रहे थे।
इतिहास में सब दर्ज है
आजाद ने कहा, “हम इस बहस में नहीं पड़ना चाहते कि किसने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया या किसने इसका विरोध किया था। ये सब इतिहास में दर्ज है और ये विकिपीडिया और गूगल में मौजूद भी है।” कांग्रेस के इस सीनियर लीडर ने कहा कि 8-9 अगस्त 1942 की रात को महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल को अरेस्ट कर लिया गया था। कांग्रेस पर बैन लगा दिया गया। नेशनल हेराल्ड, यंग इंडिया और हरिजन जैसे न्यूज पेपर्स भी बैन करा दिए गए थे।